फ़्रूट्स के चमत्कारी गुण जो वाग्वती द्वारा बताये गए है-एक बार जरूर पढ़े

आम -
शास्त्रो के अनूसारआम आत्म मेवाहै आम काफूल अतिसार, कफ,  पित्तको दूर करताहै और रुधिरकी समस्या कोदूर करता हैऔषधे में इसकेगुठली काम मेंआती है .
आमचूर - आम केछिलके को शुकाकर आमचूर बनायाजाता है इसकाउपयोग
दस्त ,काफ  में लाभ दयाकहै .
पके होव आम -
लू लगने पर, वात की प्रॉब्लमहो पेट में, सुंदरता को बढ़नेके लिए पाचनसकती को बढ़ाताहै ,
यदि पेड़ परपके होव आमका यूज़ करेतो सभी प्रकारके वात रोगोंका नाश करताहै .
पाल का पाकहोव आम पित्तनासक , और कुछज्यादा ही मीठाहोता है .
यदि ये वाशितहो जाये तोबहुत स्वदिस्ट बलवर्धक,वीर्य वर्दक और हल्काहोता है ,
ज्यादा आम कासेवन करने सेविषम ज्वर ब्लडसे सम्बंदित रोगआखो के रोगहो जाते हैइसलिए ज्यादा आमका सेवन विर्जितहै .कचे आम सेरोग ज्यादा होताहै .पर पकेहोव आम सेये सबी रोगकम होते है.
ज्यादा आम खानेपर सोंठ कापानी ,या जीराऔर कला नमकदेना चइये.
आम के गुटलीवमन आतिसार औरह्रदिय रोग सेभी बचाती है
आम के नएपते वात औरपित्त से बचाते है
 केला काचा केला काफनासक और भारी होताहै .इसका उपयोगप्रमेह  ब्लडपित्त,तृषा वादी,इनको दौरकरता है!
 प्रमेह -There is a sexually transmitted infection that is caused by bacterial infection.Many people have no symptoms, men may have urination, liberation from sex, or testicular pain.

नारियल-नारियल पानी ह्रदय रोग से बचाता है बलकारी  है बहोत  ही हल्का होता है  कई प्रकार के रोग का नाश करता है


छोटी सुपारी के गुण -

पचने में भरी होती है शीतल रुक्ष कफ नाशक मोहनाशक मुख विराश नासक होती है .

कच्ची सुपारी पेट के सभी रोगों को डोर करती है आखो के दृस्टि को बढ़ाती है

औषदि के रूप में चिकने सुपारी जो बिच में से दृढ़ हो बहोत अच्छी होती है.


 ताड़-
पका होवें ताड़ का फल खाने के मूत्र से सम्बित सबी रोगों का नाश होता है फल खाने से तन्द्रा उत्पन होती है 

ताड़ी से हल्का सा नाश होता है .



मिर्च
मिर्च को संस्कृत में कृष्णा  उषण और धर्म पतन कहती हैं यह गुलम जाति का औषधि का वृक्ष है कालीमिर्च दो प्रकार की होती है एक पूर्वी और एक दकनी। दक्षिणी मिर्च उत्तम है कहीं हुई मिर्चों को सफेद मिर्च कहते हैं परंतु सफेद मिर्च की जाति अलग है हरी मिर्च की बहुत सी प्रजातिया पाई जाती है मिर्च का रस चटपटा गुण तीखा होता है  वात पित्त और कफ करता है रुक्ष और किडनी रोगों को दूर करती है हरी मिर्च कप को काटने में तलवार के समान है  ज्वर का नाश करने वाली है रक्तपित्त को बढ़ाने वाली है हिचकी को दूर करती है   गांठ अपच और कान की शूल को दूर करती है काली मिर्च कच्ची खांड और घी को मिलाने से समस्त नेत्र रोगों का नाश होता है काली मिर्च के साथ जो मिलाएं तथा गौ मूत्र में पीसकर लेप लगाने से खुजली दूर होती है।
सफेद मिर्च_
  विषनाशक भूत नाशक बल नाशक  युक्ति पूर्वक रसायन के गुण है।

त्रिकूट_
सोंठ पीपल और मिर्च को समान रुप में लेना  चित्रकूट केलाता है स्वास्थ खांसी तवचा के रोग  को दूर करता है


पीरा मूल- यह पीपल की जड़ की गांठ के टुकड़े होते हैं यह बारीक मोटे दो प्रकार के होते हैं परंतु मोटी बहुत जल्दी घुल जाती है।
पाचन हल्का पित करता भेदी   अफारा कृमिनाशक श्वास की रोग को नष्ट करता है










Comments